5जी बनाम फाइबर
Tuesday, Feb 21, 2023 · 10 minutes
GENERIC
Tuesday, Feb 21, 2023 · 10 minutes
हम हाई-स्पीड इंटरनेट सर्विस के ज़माने में रह रहे हैं, जहां लोग अपने रोज के काम और ऑपरेशन्स के लिए तेजी से इंटरनेट पर डिपेंड होते जा रहे हैं। जैसे-जैसे यह टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे तेज स्पीड के इंटरनेट की भी जरूरत पड़ रही है। लोग कंटेंट को जल्द से जल्द डाउनलोड करना चाहते हैं और बिना किसी रुकावट या बफरिंग के लाइव वीडियो स्ट्रीम करना चाहते हैं। वह बिना किसी रुकावट अपने दोस्तों और परिवार से भी बात करना चाहते हैं। इसी के चलते दो पॉपुलर ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन टेक्नोलॉजी 5G और फाइबर इंटरनेट का जन्म हुआ है।
वैसे तो यह दोनों ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजियां अपनी शुरुआती स्टेज में हैं, पर इन्होंने लोगों के इंटरनेट का इस्तेमाल करने के तरीके में क्रांति लाने का काम किया है। ऐसे में, सवाल उठता है कि 5G और ऑप्टिक फाइबर इंटरनेट में क्या अंतर है, और यूज़र्स को अपने इंटरनेट ब्रॉडबैंड कनेक्शन के लिए किसे चुनना चाहिए? इन सर्विसेस देने वाले इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) को चुनने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? चलो पता करते हैं।
5G वायरलेस टेक्नोलॉजी की पांचवीं जनरेशन है और उम्मीद की जा रही है कि यह यूज़र्स को 4G स्पीड की तुलना में 10 गुना तेज डाउनलोड स्पीड देगी। 5G नेटवर्क यूज़र्स को तेज डाउनलोड और अपलोड स्पीड देने के लिए मिलीमीटर तरंगों, बड़े पैमाने पर MIMO एंटीना अर्रेस और बीमफॉर्मिंग सहित टेक्नोलॉजियों के कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल करते हैं। 5G अभी भी अपने डिप्लॉयमेंट के शुरुआती स्टेज में है, और फ़िलहाल कुछ ही एरिया में इसकी पहुंच है, लेकिन आने वाले समय में इसके सभी एरिया तक पहुंचने की उम्मीद है।
5G इंटरनेट सर्विस तीन फ्रीक्वेंसी बैंड में ऑपरेट होती है: लो, मीडियम और हाई बैंड। लो-बैंड फ्रीक्वेंसी आमतौर पर 600 मेगाहर्ट्ज और 1 गीगाहर्ट्ज के बीच होती है, जबकि मीडियम-बैंड फ्रीक्वेंसी 1 से 6 गीगाहर्ट्ज तक होती है। हाई-बैंड फ्रीक्वेंसी 24 से 40 गीगाहर्ट्ज तक होती है और यह स्पीड के मामले में ऑप्टिक फाइबर इंटरनेट कनेक्शन को टक्कर दे सकते हैं।
फ्रीक्वेंसी बढ़ने के साथ 5G की स्पीड भी बढ़ती है। पर हाई-बैंड फ्रीक्वेंसी की रेंज बहुत कम होती है और इसके बीच में इमारतों, पेड़ों और यहां तक कि मौसम के कारण स्पीड में रूकावट आने की संभावना ज्यादा होती है।
इस प्रकार, जो यूज़र्स नए 5G कनेक्शन चुन रहे हैं, उन्हें उन ISPs को चुनना चाहिए जो बेस्ट स्पीड और कवरेज देने के लिए मल्टीपल फ्रीक्वेंसी बैंड ऑफर करते हैं।
5G इंटरनेट पिछली जेनरेशन की वायरलेस टेक्नोलॉजी की तुलना में कई तरह से फायदेमंद है, जिनमें शामिल हैं:
5G नेटवर्क 4G नेटवर्क की तुलना में 10 गुना तेज स्पीड दे सकता है। यह यूज़र्स को लैग या बफरिंग के बारे में चिंता किए बिना बहुत सारे डेटा को जल्दी डाउनलोड और अपलोड करने की सुविधा देता है।
5G नेटवर्क कम लोअर लेटेंसी पर काम करते हैं, जिसका मतलब है कि यूज़र्स के रिक्वेस्ट भेजने और रिस्पांस आने के बीच कम टाइम लगता है। यह उन एप्लीकेशन्स के लिए आइडियल है जिनके लिए गेमिंग, वर्चुअल रियलिटी और स्ट्रीमिंग जैसे नियर-इंस्टेंट रेस्पॉन्स की जरूरत पड़ती है।
वायरलेस टेक्नोलॉजी की पिछली जेनरेशन की तुलना में 5G नेटवर्क एक साथ ज्यादा डिवाइसेस को सपोर्ट कर सकता है।
5G के कई फायदों के बावजूद, अभी भी कुछ कमियां हैं जिन पर यूज़र्स को 5G कनेक्शन चुनने से पहले सोचना चाहिए।
5G नेटवर्क डिप्लॉयमेंट के मामले में अभी शुरुआती स्टेज में हैं, और कुछ ही एरिया में इसकी पहुंच है।
5G नेटवर्क द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली हाई-बैंड फ्रीक्वेंसी में इमारतों और पेड़ों का इंटरफेरेंस होने से रूकावट आने की संभावना ज्यादा होती है।
हालांकि 5G सर्विसेज ज्यादा सस्ती हो रही हैं, पर वह अभी भी अन्य ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजी की तुलना में काफी महंगी हैं। एक विशिष्ट 5G प्लान की कीमत फाइबर इंटरनेट प्लान की तुलना में दोगुनी तक हो सकती है।.
फाइबर इंटरनेट,जिसे फाइबर टू दी होम (FTTH) के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार का वायर्ड ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन है जो डेटा ट्रांसमिट करने के लिए फाइबर-ऑप्टिक केबल का इस्तेमाल करता है। पारंपरिक कॉपर के तारों के विपरीत, जिसमें सीमित मात्रा में इनफार्मेशन मिलती हैं, वहीं फाइबर-ऑप्टिक केबल तेज स्पीड से ज्यादा मात्रा में इनफार्मेशन ले जा सकते हैं।
इसका मतलब है कि यूज़र्स पारंपरिक कॉपर के तारों की तुलना में तेज़ डाउनलोड और अपलोड स्पीड प्राप्त कर सकते हैं। फाइबर इंटरनेट कनेक्शन यूज़र्स को 1 Gbps तक की स्पीड दे सकते हैं, जो उन्हें लाइव HD वीडियो स्ट्रीमिंग और ऑनलाइन गेम खेलने के लिए आइडियल बनाता है।
फाइबर इंटरनेट भी दूसरी तरह के इंटरनेट कनेक्शनों की तुलना में ज्यादा विश्वसनीय है। केबल्स इंटरफेरेंस से सुरक्षित हैं, और इसका कनेक्शन वायरलेस कनेक्शन से ज्यादा कंसिस्टेंट है।
अन्य प्रकार के ब्रॉडबैंड कनेक्शनों पर इसके कई फायदे होने के कारण फाइबर इंटरनेट तेजी से पॉपुलर हो रहा है:
फाइबर इंटरनेट 1 Gbps तक की स्पीड दे सकता है, जो पारंपरिक कॉपर वायर या वायरलेस कनेक्शन की तुलना में बहुत तेज है।
फाइबर-ऑप्टिक केबल इंटरफेरेंस से सुरक्षित हैं, जो उन्हें पारंपरिक कॉपर के तारों या वायरलेस कनेक्शन के मुकाबले ज्यादा विश्वसनीय बनाता है।.
फाइबर-ऑप्टिक केबल को पारंपरिक कॉपर के तारों की तुलना में कम मेंटिनेंस की जरूरत होती है। यह उन्हें लॉन्ग टर्म में ज्यादा कॉस्ट एफ्फेक्टिव बनाता है।
इसके कई फायदों के बावजूद, फाइबर इंटरनेट में अभी भी कुछ कमियां हैं जिन पर यूज़र्स को इसे चुनने से पहले सोचना चाहिए।
फाइबर इंटरनेट केवल कुछ ही एरिया में उपलब्ध है और आमतौर पर अन्य प्रकार के DSLजैसे ब्रॉडबैंड कनेक्शन से ज्यादा महंगा है।
फाइबर इंटरनेट कनेक्शन इंस्टाल कराना महंगा हो सकता है, क्योंकि इसके लिए विशेष उपकरण और तकनीशियनों की जरूरत होती है। हालांकि, कई इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISPs) उन कस्टमर्स का फ्री इंस्टालेशन करते हैं जो लॉन्ग टर्म के लिए कॉन्ट्रेक्ट साइन अप करते हैं।
जबकि फाइबर इंटरनेट 1 Gbps तक की स्पीड दे सकता है, यह स्पीड ग्रामीण क्षेत्रों में हमेशा एक जैसी नहीं मिलती हैं। यह उन लोगों के लिए एक समस्या हो सकती है जो दूर -दराज के स्थानों में रहते हैं और तेज इंटरनेट स्पीड चाहते हैं ।
बतौर यूज़र्स आपके लिए किस तरह का कनेक्शन बेहतर है, यह समझने के लिए कि दो टेक्नोलॉजी की साथ-साथ तुलना करना जरूरी है।
ऑप्टिक फाइबर एक वायर्ड इंटरनेट सर्विस है, जबकि 5G एक वायरलेस सर्विस है। दोनों टेक्नोलॉजी कंटेंट को डाउनलोड और अपलोड करने के लिए नियर-इंस्टेंट स्पीड देती हैं, लेकिन फाइबर इंटरनेट ज्यादा विश्वसनीय होता है।
फाइबर कनेक्शन डेटा ट्रांसमिट करने के लिए लाइट का इस्तेमाल करता है, जबकि 5G डेटा भेजने और प्राप्त करने के लिए रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करता है।
फाइबर इंटरनेट कनेक्शन यूज़र्स को 10 Gbps तक की स्पीड दे सकते हैं, जबकि 5G 20 Gbps तक की स्पीड दे सकता है। हालाँकि, 5G की स्पीड इस्तेमाल किए गए फ्रीक्वेंसी बैंड पर डिपेंड करती है और अन्य फैक्टर्स के आधार पर, जैसे कि कनेक्शन शेयर करने वाले यूज़र्स की संख्या, अलग भी हो सकती है।
सामान्यतया, 5G और ऑप्टिक फाइबर दोनों की स्पीड रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए पर्याप्त है, लेकिन फाइबर ज्यादा कंसिस्टेंट और विश्वसनीय कनेक्शन देता है। जो यूज़र्स बड़ी मात्रा में HD वीडियो स्ट्रीम करना चाहते हैं और हाई स्पीड पर ऑनलाइन गेम खेलना चाहते हैं, वह 5G के बजाय फाइबर को चुन सकते हैं।.
हाई -फ्रीक्वेंसी तरंगों के इस्तेमाल के कारण 5G नेटवर्क की रेंज सीमित होती है, जबकि फाइबर नेटवर्क बड़ी दूर तक पहुंच बना सकता हैं। इसका मतलब यह है कि जो यूज़र्स ऐसे एरिया में रहते हैं जहां 5G उपलब्ध नहीं है, उन्हें फाइबर कनेक्शन को चुनने की जरूरत पड़ सकती है।
5G और फाइबर इंटरनेट कनेक्शन दोनों की लागत प्रोवाइडर और चुने गए सर्विस प्लान पर डिपेंड करती है, लेकिन अक्सर फाइबर ज्यादा महंगा होता है। इसके अतिरिक्त, यूज़र्स को फाइबर कनेक्शन के साथ इंस्टालेशन लागत का भी भुगतान करना पड़ सकता है, जबकि 5G में आमतौर पर इंस्टालेशन की जरूरत नहीं होती है।
कुल मिलाकर, 5G उन लोगों के लिए एक बढ़िया ऑप्शन है जो तेज़ स्पीड चाहते हैं और जिन्हेँ थोड़े बहुत इंटरफेरेंस और कम रेंज से फर्क नहीं पड़ता है। हालांकि, जिन यूज़र्स को ज्यादा विश्वसनीय कनेक्शन की जरूरत है, उन्हें फाइबर इंटरनेट कनेक्शन पर ध्यान देना चाहिए।
5G नेटवर्क अभी भी अपनी डिप्लॉयमेंट की शुरुआती स्टेज में हैं, और केवल चुनिंदा एरिया में ही 5G सर्विसेस की पहुंच है। फाइबर नेटवर्क हर जगह उपलब्ध हैं, लेकिन उनका कवरेज भी एक एरिया से दूसरे एरिया में अलग-अलग होता है।
भविष्य में, 5G और फाइबर नेटवर्क दोनों बेहतर तरह से उपलब्ध हो जाएंगे, जिससे वह उन यूज़र्स के लिए और भी बेहतर ऑप्शन बन जाएंगे जो बेस्ट स्पीड और विश्वसनीय कनेक्शन लेना चाहते हैं।
जब विश्वसनीयता की बात आती है, तो फाइबर इंटरनेट 5G से ज्यादा विश्वसनीय होता है क्योंकि यह केबल इंटरफेरेंस से सुरक्षित होते हैं। 5G नेटवर्क इमारतों, पर्वत श्रृंखलाओं या पेड़ों जैसे इंटरफेरेंस से टूट सकते हैं, जबकि फाइबर नेटवर्क ऐसे इंटरफेरेंस से प्रभावित नहीं होते हैं। वायर्ड प्रकृति के कारण फाइबर इंटरनेट भी 5G से ज्यादा कंसिस्टेंट होता है।
हाई -फ्रीक्वेंसी तरंगों के इस्तेमाल के कारण 5G नेटवर्क में फाइबर की तुलना में रेस्पॉन्स टाइम धीमा होता है। फाइबर नेटवर्क में उनकी वायर्ड प्रकृति के कारण रेस्पॉन्स टाइम तेज़ होता है, जिससे वह उन एप्लीकेशन्स के लिए आइडियल बन जाते हैं जिनके लिए तेज़ रेस्पॉन्स टाइम की जरूरत होती है, जैसे कि ऑनलाइन गेमिंग।
फाइबर और 5G दोनों नेटवर्क के कनेक्शन सुरक्षित हैं, लेकिन फाइबर इंटरनेट आमतौर पर वायर्ड होने के कारण ज्यादा सुरक्षित होता है। इसका मतलब यह है कि 5G नेटवर्क की तुलना में फाइबर नेटवर्क हैकिंग और अन्य सुरक्षा खतरों के प्रति कम संवेदनशील हैं।
लास्ट माइल कनेक्शन का मतलब एक ISP और यूज़र्स के घर या कार्यालय के बीच कनेक्शन से है। फ़ाइबर नेटवर्क के लिए इंस्टालेशन की जरूरत होती है, जैसे गड्ढा खोदना और केबल बिछाना, जबकि 5G कनेक्शन जल्द और आसानी से इंस्टाल किए जा सकते हैं।
5G और फाइबर इंटरनेट से जुड़ी जानने योग्य इंटरनेट टर्म्स
5G और फाइबर इंटरनेट से जुडी कुछ प्रमुख इंटरनेट टर्म्स को जानना जरूरी है। इससे यूजर्स को दोनों के बीच के अंतर को समझने में मदद मिलेगी। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण टर्म्स आपको दोनों के बीच के अंतर को समझने में मदद मिलेगी। यह हैं कुछ सबसे महत्वपूर्ण बातें:
यह डेटा की मात्रा है जिसे किसी भी समय नेटवर्क पर भेजा और प्राप्त किया जा सकता है। फाइबर कनेक्शन आमतौर पर 5G नेटवर्क की तुलना में ज्यादा बैंडविड्थ वाले होते हैं।
यह वह समय है जो डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में लगता है। फाइबर नेटवर्क में आमतौर पर 5G नेटवर्क की तुलना में कम लेटेंसी होती है।
यह वह स्पीड हैं जिससे नेटवर्क पर डेटा भेजा और प्राप्त किया जाता है। फाइबर नेटवर्क आमतौर पर 5G नेटवर्क की तुलना में हाई स्पीड वाले होते हैं।
ISP एक ऐसी कंपनी है जो अपने कस्टमर्स को इंटरनेट की सर्विसेज प्रदान करती है।
MNO एक कंपनी है जो 5G सर्विसेस जैसी मोबाइल सर्विसेज प्रदान करती है।
यह एक ISP और यूज़र्स के घर या कार्यालय के बीच का कनेक्शन है। इसमें फाइबर नेटवर्क को कुछ इंस्टॉलेशन की जरूरत होती है, जबकि 5G कनेक्शन को जल्द और आसानी से सेटअप किया जा सकता है।
यह दो पॉइंट्स के बीच एक फिजिकल कनेक्शन है, जैसे फाइबर केबल। वायरलेस कनेक्शन, जैसे 5G के लिए किसी फिजिकल कनेक्शन की जरूरत नहीं होती है।
5G और फाइबर इंटरनेट के बीच चुनाव करना आखिरकार यूज़र्स की जरूरतों पर डिपेंड करता है, जैसे स्पीड, विश्वसनीयता, रेंज और कवरेज, लागत, उपलब्धता और सुरक्षा। जिन यूजर्स को घर पर तेज स्पीड के साथ विश्वसनीय कनेक्शन की जरूरत है, उनके लिए फाइबर इंटरनेट बेहतर ऑप्शन हो सकता है। हालाँकि, 5G यूज़र्स को चलते-फिरते तेज़ स्पीड और आसान सेटअप प्रदान कर सकता है, जिससे यह उन लोगों के लिए एक बढ़िया ऑप्शन बन जाता है जिन्हें सबसे विश्वसनीय कनेक्शन की जरूरत नहीं होती है। आखिरकार, किस प्रकार का इंटरनेट कनेक्शन लेना है, यह तय करते समय यूज़र्स को अपनी जरूरतों और बजट पर विचार करना चाहिए।
हमें उम्मीद है कि इस ब्लॉग ने आपकी 5G और फाइबर इंटरनेट कनेक्शन के बीच के अंतर को समझने में मदद की है। आखिरकार, चुनाव जरूरतों और बजट पर डिपेंड करता है, लेकिन दोनों ही बेस्ट स्पीड और विश्वसनीयता प्रदान करते हैं।
फाइबर इंटरनेट कनेक्शन घरेलू यूज़र्स के लिए सबसे अच्छा है, जिन्हें तेज स्पीड के साथ विश्वसनीय कनेक्शन की जरूरत होती है, जबकि 5G उन लोगों के लिए बेहतर है, जिन्हें चलते-फिरते तेज स्पीड की जरूरत होती है और जिन्हें आसान सेटअप चाहिए। यूज़र्स जो भी इंटरनेट कनेक्शन चुनें, उन्हें इसे लेने से पहले अपनी रिसर्च सुनिश्चित करनी चाहिए और इससे होने वाले फायदे और नुकसान को परख लेना चाहिए। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपने अपनी जरूरतों के हिसाब से बेस्ट इंटरनेट कनेक्शन ले सकें।
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